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Monday 26 March 2018

आखिरी मंज़िल

सुनो!
क्या तुम बन सकते हो
मेरी
"आखिरी मंज़िल"
क्यूँ कि
आखिरी मंज़िल को पाने में
कभी कोई
विकल्प साथ नहीं देते!
और मैं तुम्हें
विकल्प की श्रेणी में रखकर
प्रेम को "आकर्षण" का नाम
देकर
खुद को या तुमको
भयभीत नहीं करना चाहती

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