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Wednesday 22 February 2017

उदासी

उदासी 
दुनिया की सबसे खूबसूरत रचना
जो कभी साथ नहीं छोड़ती 
जिसको खोने का कोई डर नहीं

डर होता है महज 
सिर्फ़ क्षणभंगुर खुशियों से 
जो कभी दो पल भी नहीं ठहरती

सदियों से साथ है 
हमारा और उदासियों का 
जब से तुमने 
दो कदम साथ चलने के 
वादे से कदम पीछे खींचा

Friday 3 February 2017

रीतापन

अजीब सा खालीपन
मौजूद रहता है
मेरे अंदर
जिसे उम्मीदों के मरहम से
हर रोज़ भरने की
कोशिश करती हूँ
मगर कोशिश में नाकामी मिलती है
ये जो
खालीपन का पतझढ़ है ना
इसकी उम्र बहुत लम्बी होती है
और इस उम्र में ना जाने
कितने सुलझे हुए वसंत दस्तक देने आते है
जो ठहरते भी है लेकिन
सिर्फ़ कुछ वक्त के लिए
शायद
ठहरने की उम्र खालीपन से बहुत कम रहती होगी